Dhamaka Review: धमाका से उम्मीदें तो बहुत थीं लेकिन ये पानी कम चाय की तरह हो गयी है. न चाय का स्वाद है और न ही रंग. ये फिल्म निर्देशक राम माधवानी के लिए एक हार की तरह है. इसलिए ज़्यादा क्योंकि थ्रिलर में ही उनकी फिल्म नीरजा और वेब सीरीज आर्या ने दर्शकों को पूरी तरह बांधे रखा था. धमाका इतना बड़ा भी धमाका साबित नहीं हुई है. अगर कोरियन ओरिजिनल देख ली हो तो हिंदी देखने में कोई मज़ा नहीं है.
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